1. मनोवैज्ञानिक इसी आधार पर व्यक्तित्व परिवर्तन की बात कहते हैं। 2. रूपांतरण की तो यह पराकाष्ठा है; व्यक्तित्व परिवर्तन , परिवर्धन और सर्वाइवल हेतु। 3. व्यक्तित्व परिवर्तन , एक ऐसा सिद्धांत जिसे पंथों या मानसिक परिवर्तन से जोड़ा जाता है.4. दोस्तों, शराब दवा से नहीं छूटेगी, व्यक्तित्व परिवर्तन से ही इसे छोड़ा जा सकता है। 5. वहाँ भी मामूली व्यक्तित्व परिवर्तन असामान्य मिजाज या गुस्सा विस्फोट के साथ किया जा सकता है. 6. ऊपरी या निचले सिरा कमजोरी, सिर दर्द, चक्कर, अनिद्रा और मनोरोग असामान्यताओं जैसे व्यक्तित्व परिवर्तन के रूप में शामिल हैं। 7. पागलपन कहा जाता है, अस्वाभाविक व्यक्तित्व परिवर्तन दिखाने के रोगियों में देखा जा सकता है और संबंधित और संचार में कठिनाइयों. 8. मनोभ्रंश में व्यवहारीय तथा व्यक्तित्व परिवर्तन भी हो सकता है उदाहरणार्थ एक संविभ्रमी संदेह कि दूसरे उनकी संपत्तियों को चुरा रहे हैं। 9. रोगियों के एक अल्प प्रतिशत में ललाटशंखास्थिक मनोभ्रंश विकसित होता है जो गंभीर रूप से व्यक्तित्व परिवर्तन के रूप में नज़र आता है; 10. रोगियों के एक अल्प प्रतिशत में ललाटशंखास्थिक मनोभ्रंश विकसित होता है जो गंभीर रूप से व्यक्तित्व परिवर्तन के रूप में नज़र आता है;